हमारे देश का सिनेमा 100 साल से भी लम्बा सफर तय कर चुका है और इतने सालों में इसने एक से बढ़कर एक फिल्में दर्शकों को दी हैं, लेकिन अगर हम पीछे नजरें घुमाकर देखें तो हमारे यहां के फिल्मकारों ने गजब के वीएफएक्स वर्क से सजी बहुत कम साई-फाई फिल्मों का निर्माण किया है। ऐसे में जब शंकर जैसे निर्देशक रजनीकांत और अक्षय कुमार को लेकर किसी फिल्म की घोषणा करते हैं और बताते हैं कि वो इन दोनों के साथ ‘रोबोट’ के सीक्वल का निर्माण करने जा रहे हैं तो दर्शकों का उत्साहित होना लाजमी है।
हालांकि फिल्म के लिए दर्शकों का उत्साहित होने से ज्यादा महत्वपूर्ण यह था कि फिल्म ‘2.0’ न केवल अपनी फ्रेंचाइजी के साथ न्याय करती बल्कि भारतीय सिनेमा को भी एक पायदान ऊपर लेकर जाती। आज सिनेमाघरों में रिलीज हुई डायरेक्टर शंकर की बिग बजट फिल्म ‘2.0’ ऐसा करने में कामयाब हुई है या नहीं, आइये जानने की कोशिश करते हैं। ट्रेड टॉक: पहले दिन ही 100 करोड़ रुपये का कारोबार कर डालेगी अक्षय कुमार और रजनीकांत की ‘2.0’, सुबह से ही फुल जा रहे हैं शो Also Read - Exclusive: भूल भूलैया 2 में क्यों नजर नहीं आए अक्षय कुमार? डायरेक्टर अनीस बाज्मी ने खोला राज
फिल्म की कहानी:
फिल्म ‘2.0’ की कहानी पक्षीराजन (अक्षय कुमार) नाम के एक व्यक्ति की है, जो पक्षियों से बहुत प्यार करता है। वो हमारे देश में मोबाइल सिग्नल्स के कारण हो रही पक्षियों की मौतों से अच्छी तरफ से वाकिफ है। उसे पता है कि मोबाइल कम्पनियां कैसे ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए सिग्नल फ्रीक्वेंसी के साथ गड़बड़ी करती हैं, जिनकी वजह से बहुत जल्द पूरी पक्षी प्रजाती ही धरती से खत्म हो जाएगी। अपने स्तर पर वो इसके खिलाफ आवाज भी उठाता है लेकिन नेता और बड़े-बड़े कारोबारी मिलकर उसे अदालत में झूठा साबित कर देते हैं। Also Read - Akshay Kumar के डूबते करियर को बचाएंगी 'साउथ' की ये सुपरहिट फिल्में, डायरेक्ट ओटीटी पर होंगी रिलीज!
पक्षीराजन इस फैसले के बाद दुनिया को एक तरफ और अपने आप को दूसरी तरफ खड़ा पाता है और निराश होकर मोबाइल टावर से लटक कर आत्महत्या कर लेता है। इसके बाद जन्म होता है ‘पांचवी फोर्स’ (पक्षीराजन/क्रो-मैन) का और जो मोबाइल उपयोग करने वाले हर व्यक्ति को मौत के घाट उतारना चाहती है। पक्षीराजन कुछ ही घंटों में इतनी तबाही मचाता है कि सरकार के पास चिट्टी रोबो को दोबारा जिंदा करने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं रह जाता है।
अब चिट्टी रोबो कैसे वशीकरण की मदद से पक्षीराजन को रोकेगा, जो दुनिया को तबाह करना चाहता है और इस सब में नीला (एमी जैकसन) की क्या भूमिका होगी, यह आपको ‘2.0’ के दौरान जानने को मिलेगा। सिनेमाघरों से लेकर सड़कों तक पर छाया चिट्टी रोबो, हमेशा की तरह दीवाने हुए रजनीकांत के फैंस Also Read - नुसरत भरूचा अपनी इन 4 अपकमिंग फिल्मों से बॉक्स ऑफिस पर करेंगी राज, देखें लिस्ट
फिल्म का डायरेक्शन:
जब भी ‘2.0’ जैसी कोई बिग बजट फिल्म बनती है, तब उसका डायरेक्शन बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर फिल्म की शूटिंग के समय मामला थोड़ा सा भी गड़बड़ाया तो दर्शकों से खरी-खोटी सुनने को मिल सकती है। हालांकि ‘2.0’ के मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ है। ‘2.0’ के पहले सीन से ही फिल्म पर डायरेक्टर शंकर की पकड़ साफ-साफ दिखाई देती है। उन्होंने ‘2.0’ के दौरान लगातार दर्शकों को बांधे रखा है।
शंकर को बहुत अच्छी तरह से पता था कि इस फिल्म को उन्हें दर्शकों के सामने कैसे प्रस्तुत करना है और उन्होंने यह काम सफलतापूर्वक किया भी है। टेक्नालॉजी और मानवीय भावनाओं का जो मिश्रण शंकर ने अपनी फिल्म के माध्यम से पेश किया है, वो केवल उन्हीं के वश की बात थी। चिट्टी और पक्षीराजन के बीच फिल्माए गए एक्शन सीक्वेंस कमाल के हैं, जिन्हें देख दर्शक झूम उठते हैं। इन सीन्स का वीएफएक्स वर्क भी काफी उम्दा है। ऐसा विजुअल ट्रीटमेंट अभी तक किसी भरतीय फिल्म में देखने को नहीं मिला है। अगर ऐसा कहा जाए कि शंकर ने भारतीय सिनेमा का भविष्य तय करने वाली फिल्म बनाई है, तो शायद गलत नहीं होगा।
कलाकारों की अदाकारी:
रजनीकांत और अक्षय कुमार काफी लम्बे समय से फिल्मों में काम कर रहे हैं, जिस कारण उन्हें अच्छी तरह से पता है कि किस किरदार को किस स्तर पर जाकर परफॉर्म करना है। चाहें बात ‘चिट्टी 2.0’ की हो या फिर ‘पक्षीराजन’ की; कोई भी बड़ी स्क्रीन पर ओवरएक्टिंग करता दिखाई नहीं देता है।
जहां चिट्टी के किरदार में रजनीकांत एक बार फिर से दर्शकों का दिल जीत लेते हैं, वहीं पक्षीराजन के खूंखार रूप में अक्षय कुमार दर्शकों को काफी प्रभावित करते हैं। अगर बात एमी जैकसन की करें तो वो 'नीला' नाम की एक महिला रोबोट के रूप में दिखाई दी हैं, जो अपने किरदार को खूबसूरती से निभाती हैं। रजनीकांत और अक्षय कुमार की फिल्म के आखिरी 20 मिनट रोक देंगे दर्शकों की सांसे, डायरेक्टर शंकर ने गढ़ा है भारतीय सिनेमा का सबसे बेहतरीन क्लाइमेक्स
फिल्म की खामियां:
यूं तो फिल्म '2.0' में कोई बड़ी खामी नहीं है और डायरेक्टर शंकर ने हर एक चीज को नपी-तुली मात्रा में दर्शकों सामने पेश किया है लेकिन अगर वो फिल्म से 10 मिनट एडिट कर देते तो दर्शकों को सिनेमाघरों में और भी मजा आता। खास करके अक्षय कुमार का इंट्रो सीक्वेंस जो दूसरे भाग की शुरूआत में आता है। फिल्म का पहला भाग जहां खत्म हुआ था, उसके बाद पक्षीराजन का लम्बा चौड़ा इंट्रो दर्शकों को थोड़ा सा अखरता है।
आखिरी फैसला:
डायरेक्टर शंकर ने अपनी नई फिल्म ‘2.0' के माध्यम से दुनिया को मोबाइल रेडिएशन के कारण हो रहे नुकसान से अवगत कराया है। आम लोगों का ध्यान इस ओर जाता ही नहीं है क्योंकि उन्हें लगता है कि टेक्नालॉजी उनके वक्त की जरूरत है। फिल्म ‘2.0’ बताती है कि इंसानों को अपनी जरूरतों को काबू में रखना अभी से सीख लेना चाहिए, वरना जैसे पशु-पक्षियों की प्रजातियां धीरे-धीरे खत्म हो रही है, उसी तरह से वो दिन भी दूर नहीं जब इंसानी सभ्यता का अस्तित्व भी खतरे में पड़ जाएगा। हम अपनी ओर से फिल्म '2.0' को 3.5 स्टार देते हैं।
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