Roohi Movie Review: भारत में कई ऐसे कई हलवाई हैं, जो अपनी डिश के स्वाद के लिए नहीं बल्कि उसकी सजावट के लिए जाने जाते हैं। थिएटर्स में रिलीज हुई जाह्नवी कपूर, राजकुमार राव और वरुण शर्मा की 'रूही' के साथ भी यही परेशानी है कि इसे दर्शक इसकी सजावट (राजकुमार-वरुण की अच्छी एक्टिंग) के लिए याद रखेंगे, कहानी के लिए नहीं क्योंकि डायरेक्टर हार्दिक मेहता जो कहना चाहते थे, उसे बताने से पहले ही वो हकलाने लगे। Also Read - Trending Tunes Of The Week: Janhvi Kapoor और Nora Fatehi के गानों ‘Chhor Denge’ और ‘Panghat’ का बजा डंका, देखें Top 5 Songs
फिल्म की कहानी:
फिल्म 'रूही' की कहानी एक ऐसी लड़की (जाह्नवी कपूर) की है, जो मल्टी पर्सनालिटी डिसऑर्डर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही है। इस तरह की बीमारी को हमारे देश में भूत-प्रेत से जोड़कर देखा जाता है और डायरेक्टर हार्दिक मेहता लोगों को अपनी फिल्म से यही समझाना चाहते थे कि मल्टी पर्सनालिटी डिसऑर्डर को वैज्ञानिक नजरिए से देखना चाहिए, ना कि भूत-प्रेत के चश्मे से लेकिन फिल्म यह बताने से पहले ही भटक जाती है। Also Read - Roohi Public Review: राजकुमार राव की एक्टिंग अच्छी लेकिन कंटेंट में दम नहीं, देखिए पब्लिक का रिव्यू
फिल्म की शुरूआत बागड़पुर नाम की जगह से होती है, जहां बहराव पांडे (राजकुमार राव) और कटन्नी (वरुण शर्मा) नाम के दो क्राइम जर्नलिस्ट रहते हैं। ये दोनों जिस आदमी के लिए काम करते हैं, वो लड़कियों को किडनैप करके उनकी शादियां करवाता है। इस तरह की किडनैपिंग को बागड़पुर के लोग बुरा नहीं मानते क्योंकि यह अब उनकी परम्परा बन चुकी है।
बहुरा भाई और कटन्नी को उनका बॉस रूही नाम की एक लड़की को किडनैप करने का काम देता है, जिसको मल्टी पर्सनालिटी डिसऑर्डर जैसी गंभीर बीमारी है। यूं तो यह लड़की दिखने में सामान्य नजर आती है लेकिन जब इसका दूसरा व्यक्तित्व यानि कि इसके अंदर की चुड़ैल बहुरा के सामने आती है तो वो डर के मारे कांपने लगते हैं। बहुरा को जो अवतार डरावना लगता है, उससे कटन्नी को मोहब्बत हो जाती है। अब रूही का मिलन बहुरा और कटन्नी में से किसके साथ होगा ? और रूही को इस बीमारी से छुटकारा कैसे मिलेगा यह आपको फिल्म के दौरान पता चले तो ज्यादा बेहतर रहेगा। Also Read - Roohi Box Office Collection Day 6: Rajkummar Rao और Janhvi Kapoor की फिल्म ने पार किया 15 करोड़ का आंकड़ा, देखें छठे दिन के आंकड़े
फिल्म की खास बातें:
'रूही' की सबसे खास बात राजकुमार राव और वरुण शर्मा की एक्टिंग है, जो खूब हंसाती है। इन दोनों की जुगलबंदी बेमिसाल है, जो इस फिल्म की जान है। राजकुमार राव और वरुण शर्मा के वनलाइनर्स कमाल के हैं। इनकी हर लाइन में पंच हैं, जिन्हें सुन चेहरे का खिलना लाजमी है। राजकुमार राव और वरुण शर्मा मंझे हुए कलाकार हैं और 'रूही' के 70 प्रतिशत हिस्से में इनकी शानदार एक्टिंग छायी रहती है।
'रूही' एक हॉरर कॉमेडी है, जिस कारण इसका बैकग्राउंड म्यूजिक अहम बन जाता है। फिल्म के सीन्स प्रभावी बनाने में इसका बड़ा योगदान है। 'रूही' में जहां डर लगना चाहिए, वहां वाकई डर लगता है और इसके लिए 'रूही' के साउंड डिपार्टमेंट की तारीफ होनी चाहिए।
फिल्म की खामियां:
फिल्म की सबसे बड़ी खामी इसका स्क्रीनप्ले है, जो फर्स्ट पार्ट के खत्म होते-होते बिखर जाता है। राजकुमार राव और वरुण शर्मा की शानदार एक्टिंग काफी हद तक फिल्म को संभालती है लेकिन डायरेक्टर हार्दिक मेहता 'रूही' के माध्यम से जो मैसेज देना चाहते थे, वो अंत तक धुंधला पड़ जाता है।
फिल्म के कुछ सीन्स को क्रिएट करने में वीएफएक्स का सहारा लिया गया है। इन सीन्स को क्रिएट करने में कुछ और मेहनत की जा सकती थी क्योंकि बड़ी स्क्रीन पर वीएफएक्स आर्टिस्ट्स की चोरी आसानी से नजर आ जाती है।
आखिरी फैसला:
फिल्म 'रूही' में राजकुमार राव और वरुण शर्मा की एक्टिंग लगातार हंसाती है लेकिन यह फिल्म अपना मैसेज सही पते तक नहीं पहुंचा पाती है। फिल्म ऐसी गंभीर बीमारी के बारे में बात करने आई है, जिसके प्रति समाज को जागरुक करने की जरूरत है लेकिन वो समझाने में नाकामायब रहती है। दिनेश विजान जिस हॉरर यूनिवर्स का सपना देख रहे हैं, उसमें रूही एक रुकावट की तरह आई है। मेरी ओर से 'रूही' को 2.5 स्टार....।
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